राज्य सरकार ने वर्ष २ ००० में संशोधन कानून लाकर इन शराब निर्माण फैक्ट्रियों पर पर्यवेक्षण प्रभार का प्रावधान किया था।
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इसके बाद २ ८ जुलाई, २ ० १ २ को प्रावधान कर दिया गया कि ८ लाख ४ ० हजार रुपये प्रतिवर्ष पर्यवेक्षण प्रभार लिया जायेगा।
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लम्बे समय बाद ३ १ मार्च, २ ० १ २ को राज्य सरकार ने विदेशी मदिरा नियमों में प्रावधान किया कि फैक्ट्री परिसर में तैनात आबकारी अमले के खर्चे को वहन करने के लिये निर्माता से पर्यवेक्षण प्रभार अग्रिम रुप से हर साल लिया जायेगा।